गुजरात के इस रेस्टोरेंट में पेट भरकर खाना खाएं और वो भी बिना एक पैसे का बिल दिए बिना, जानिए कहां है ये रेस्टोरेंट

seva cafe

स्वादिष्ट खाना हर किसी को पसंद होता है, यही वजह है कि लोग अक्सर अच्छे होटल, रेस्टोरेंट या कैफे की तलाश में खाना खाने के लिए निकल जाते हैं। लेकिन हर दिन बाहर खाना अक्सर किसी की जेब पर भारी पड़ता है या फिर ज्यादा खर्चा होजाता है। क्योंकि एक अच्छे रेस्टोरेंट और कैफ़े में मनपसंद खाना खाने के लिए आपको बहुत ज्यादा चार्ज चुकाना पड़ता है| लेकिन अहमदाबाद में एक अनोखा कैफे है seva cafe जहां आप बिलों की चिंता किए बिना भरपेट भोजन का आनंद उठा सकते हैं। मजेदार बात यह है कि आपको यहाँ पर अपनी मर्जी से बिलों का भुगतान करने की आजादी है। यानी अगर आप 500 रुपये या 1000 रुपये का भोजन करना चाहते हैं, लेकिन आपको खुद तय करना होता है कि आपको अपने बिल का कितना Amount भुगतान करना है।

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“सेवा कैफे” । seva cafe

दरअसल इस अनोखे restaurant का नाम “सेवा कैफे” (seva cafe) है। यह अन्य कैफे से बहुत ही अलग है। यहां आपको न सिर्फ स्वादिष्ट खाना मिलता है बल्कि आपको बिलों की भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। क्योंकि यहां गिफ्ट इकॉनमी की करेंसी है। इसके तहत आपके खाने के बिल का भुगतान पहले ही कोई और कर चुका है। इसी लिए आप जब सेवा कैफे में खाने के लिए आते हैं तो दूसरे व्यक्ति का बिल आप भी अपनी मर्जी से चुका सकते हैं। ऐसा करने से किसी की जेब पर ज्यादा बोझ नहीं पड़ेगा।

आज के समय में सोचे तो जहां लोग मुनाफा कमाने के लिए विभिन्न तरीकों का सहारा लेते हैं। वहा लोगों को इस तरह की सुविधा देने वाला एक रेस्टोरेंट है। गुजरात के अहमदाबाद शहेरमे स्थित seva cafe ऐसे लोगों को खाना परोस रहा है| यह रेस्टोरेंट पिछले 12 साल से गिफ्ट इकॉनमी पर चल रहा है। जब बिल का भुगतान करने की आपकी बारी आती है, तो आपकी मेज पर एक खाली लिफाफा रखा जाता है। इस लिफाफे में खाने का बिल नहीं है लेकिन आपके नाम से किसी ने पहले ही खाने के बिल का भुगतान किया हुवा है| अब आपको भी इस गिफ्ट में किसी और के लिये अपनी मर्जी से पैसे देने होते है।

12 साल से चली आ रही है यही परंपरा

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seva cafe एक अलग तरह का रेस्टोरेंट है, जहां सेवाभाव ही धर्म है। यह कैफे पिछले 1२ साल से गिफ्ट इकॉनमी पर चल रहा है। इसके तहत आपको खाना खाने के बाद बिल नहीं देना होगा। क्योंकि आपका बिल आपसे पहले आये हुए लोगोमेसे किसीने पहले ही चुका दिया होता है। ऐसे में जब आप यहां आएंगे तो ाफी उसी तरह दूसरे ग्राहक के लिए अपने विवेक से बिल का भुगतान करना होगा। आप कितना पैसा उपहार में देना चाहते हैं यह आप पर निर्भर करता है, कोई भी आपको इसके लिए बाध्य नहीं करेगा।

कैफे स्वयंसेवकों और गैर सरकारी संगठनों की मदद से चलाया जाता है

यह कैफे एक एनजीओ की मदद से चलाया जाता है। काम में मदद करने के लिए स्वयंसेवक भी है। वे सभी ग्राहकों को संतुष्ट करने की पूरी कोशिश करते हैं, इसलिए स्वच्छता और भोजन की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाता है। इस कैफे में स्टूडेंट्स से लेकर प्रोफेशनल्स और यहां तक कि टूरिस्ट भी फ्री में काम करते हैं। अगर आपको खाना बनाना या परोसना पसंद है और आप मदद करना चाहते हैं, तो आप अपने दम पर काम कर सकते हैं। यदि आप बर्तन अच्छी तरह धोना जानते हैं, तो आप बर्तन भी धो सकते हैं।

कैफे के प्रबंधक का कहना है कि seva cafe एक ऐसा विचार है जहां स्वयंसेवक आते हैं और अतिथि देवो भव: के भाव से लोगों को खाना खिलाते हैं। अतिथि देवो भव: के भाव से परोसा जाने वाले भोजन का कोई मूल्य नहीं निकाला जा सकता है। कैफे गुरुवार से रविवार तक शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक या तो जब तक 50 मेहमा आ नहीं जाते तक खुला रहता है। महीने के अंत में यहां से जो भी पैसा इकट्ठा होता है उसे चैरिटी फंड में जमा कर दिया जाता है।

महंगाई के इस दौर में इस देश में ऐसे रेस्टोरेंट का होना बहुत ही अजीब है। अगर आप seva cafe जाकर सेवाभाव का मजा लेना चाहते हैं तो अहमदाबाद के सीजी हाईवे रोड पर म्युनिसिपल मार्केट के सामने स्थित इस कैफे में जा सकते हैं। इस कैफे में मेहमानों का इस तरह और इतना स्वागत होगा कि आप अपनी जेब पर नियंत्रण नहीं रख पाएंगे। इस कैफे के आतिथ्य की चर्चा अब देशभर में शुरू हो गई है।

Rahul Chopda

मुझे पढ़ना और लिखना बहुत पसंद है। मुझे सूचनात्मक विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मुझे कहानी लेखन, कविता और कुछ कविताओं को लिखने में गहरी रुचि है।

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